Essay on Important of Democratic Values – Merits and Demerits of Democracy in India Essay – लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर निबंध
Essay on Important of Democratic Values – Merits and Demerits of Democracy in India Essay – लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर निबंध,
नमस्कार दोस्तों स्वागत करते आप सभी का फिर से एक नई पोस्ट के अंतर्गत, इस पोस्ट में Important of Democratic Values पर निबंध देखेंगे अर्थात लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर निबंध लिखना सीखेंगे। Merits and Demerits of Democracy in India Essay प्रतियोगी परीक्षा तथा बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।
Democracy in India पर इस पोस्ट में एक निबंध लिखकर दिखाया गया है जिसे आप लोग देख सकते हैं। Democracy in India से संबंधित कुछ नीचे और भी टाइटल्स दिए गए हैं जिसे बोर्ड परीक्षा में पूछा जाता है। आप नीचे दिए गए इन अलग-अलग टाइटल्स का मतलब अलग-अलग नहीं समझेगा सब का मतलब एक ही है अर्थात लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर ही निबंध आपको लिखना है चाहे वह आपके देश से सम्बंधित पूछा गया हो या फिर कहीं अदर जगह पर, बस आपको याद यान में रखकर लिखना है कि जो हमारा टाइटल्स दिया गया है वह हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में तो नहीं पूछ रहा है।
बोर्ड परीक्षा में पूछे गए टॉपिक्स-
- The future of democracy in India
- Democracy in India
- Merits and demerits of democracy in India
- Importance of democratic values
- Democracy in the year that follows
उपरोक्त Topics में से कोई भी टॉपिक्स आपके बोर्ड परीक्षा में पूछा जा सकता है। इन सभी टॉपिक्स पर नीचे निबंध लिखकर दिखाया गया है।
Question.
Write an article on the future of democracy in India.
Or
Write an article on democracy in India.
Or
Write an article on merits and demerits of democracy in India.
Or
write an article on importance of democrative values.
Or
Write an article on democracy in the year that follows.
Answer
1.Introduction
Democracy is a form of Government. It has been described in different ways by different thinkers. Abraham Lincoln, the President of U.S.A., called democracy, the Government of the people, by the people and for the people. According to Mahatma Gandhi that form of Government is democracy in which the weakest has the same opportunity as the strongest.
2.Democracy in India
Since India’s new Constitution came into operation, we have held seventeen general elections and the eighteenth is expected to be held by the middle of 2024. These elections are held on the basis of universal adult franchise, they show our peoples’ faith in democracy.
3.Obstacles in the success of democracy in India
Indian democracy still suffers from many ills. They are likely to continue for some time before they are completely removed. The greatest ill of our democracy is that a large number of people in India are illiterate. They do not understand the functioning of democratic institutions. They are not aware of the great value of the vote. These illiterate people are easily deceived by cheap propaganda. Empty slogans and attractive promises mislead them. Cunning politicians misguide them by their talks. They exploit their ignorance for their selfish ends.
Among weaknesses of our new democracy, another is that people have not been able to overcome the feelings of casteism, communalism and religionalism. In the days of propagandas of elections, caste considerations are put before illiterate people to get their votes. So communal feelings play very important role in the election and selection of candidates in different constituencies. Here the leaders arouse communal feelings in ignorant people.
The third weakness of Indian democracy is the influence of money in the elections. Hence, in our country election have become very costly. All the political parties spend large sums of money on elections.
In every election, huge amount of money is spent like water on the different items of propaganda to influence the voters.
4.Future of Democracy in India
Recently, we have seen the downfall of democracy in the East and the West and also in our neighbourhood. These instances had created alarm and people thought that perhaps India was also going the same way
5.Conclusion
In the light of our previous elections we can conclude the function of democratic institutions in our country has been satisfactory so far. There is a good scope for improvement.
प्रश्न
भारत में लोकतंत्र के भविष्य पर निबंध लिखिए।
या
भारत में लोकतंत्र पर निबंध लिखिए।
या
भारत में लोकतंत्र के गुण और दोषों पर निबंध लिखिए।
या
लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर निबंध लिखिए।
या
अगले वर्ष लोकतंत्र पर निबंध लिखिए।
उत्तर
1.परिचय
लोकतंत्र सरकार का एक रूप है। इसे अलग-अलग विचारकों ने अलग-अलग तरह से बताया है। अमरीका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन कहा। महात्मा गांधी के अनुसार सरकार का वह रूप लोकतंत्र है जिसमें सबसे कमजोर के पास सबसे मजबूत के समान अवसर होता है।
2.भारत में लोकतंत्र
जब से भारत का नया संविधान लागू हुआ है, हमने सत्रह आम चुनाव आयोजित किए हैं और अठारहवें 2024 के मध्य तक होने की उम्मीद है। ये चुनाव सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर आयोजित किए जाते हैं, वे लोकतंत्र में हमारे लोगों के विश्वास को दर्शाते हैं
3.भारत में लोकतंत्र की सफलता में बाधाएँ
भारतीय लोकतंत्र अभी भी कई बीमारियों से ग्रस्त है। पूरी तरह से हटाए जाने से पहले उनके कुछ समय तक जारी रहने की संभावना है। हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी बीमारी यह है कि भारत में बड़ी संख्या में लोग निरक्षर हैं। वे लोकतांत्रिक संस्थानों के कामकाज को नहीं समझते हैं। उन्हें वोट के महान मूल्य के बारे में पता नहीं है। सस्ते प्रचार से ये अनपढ़ लोग आसानी से धोखा खा जाते हैं। कोरे नारे और आकर्षक वादे उन्हें गुमराह करते हैं। धूर्त राजनेता अपनी बातों से उन्हें गुमराह कर देते हैं। वे अपने स्वार्थ के लिए अपनी अज्ञानता का फायदा उठाते हैं।
हमारे नए लोकतंत्र की कमजोरियों में एक और यह है कि लोग जातिवाद, सांप्रदायिकता और धर्मवाद की भावनाओं को दूर नहीं कर पाए हैं। चुनावों के प्रचार के दिनों में वोट लेने के लिए अनपढ़ लोगों के सामने जातिगत विचार रखे जाते हैं। इसलिए विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव और उम्मीदवारों के चयन में सांप्रदायिक भावनाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यहां नेता अज्ञानी लोगों में साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काते हैं।
भारतीय लोकतंत्र की तीसरी कमजोरी चुनावों में पैसे का प्रभाव है। इसलिए हमारे देश में चुनाव बहुत महंगा हो गया है। सभी राजनीतिक दल चुनावों पर बड़ी रकम खर्च करते हैं।
हर चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए तरह-तरह के प्रचार-प्रसार पर भारी मात्रा में पैसा पानी की तरह खर्च किया जाता है।
4.भारत में लोकतंत्र का भविष्य
हाल ही में, हमने पूर्व और पश्चिम में और अपने पड़ोस में भी लोकतंत्र का पतन देखा है। इन घटनाओं ने चिंता पैदा कर दी थी और लोगों को लगा कि शायद भारत भी उसी रास्ते पर जा रहा है।
5.निष्कर्ष
हमारे पिछले चुनावों के आलोक में हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि हमारे देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं का कार्य अब तक संतोषजनक रहा है। सुधार की अच्छी गुंजाइश है।